सिंहासन बत्तीसी की कहानियां

 ऐसा कहा जाता है कि राजा विक्रमादित्य के सिंहासन पर 32 पुतलियां लगी हुई थीं, जो राजा भोज को सिंहासन बत्तीसी की कहानी सुनाती हैं। हर पुतली महाराज विक्रमादित्य की दानवीरता और फैसले लेने के कौशल से जुड़े किस्से राजाभोज को सुनाकर उड़ जाती हैं।इन सभी कहानियों से बच्चों का मानसिक विकास तो होगा ही। साथ ही इनसे बच्चों को कठिन परिस्थिति में सही फैसला लेने का हौसला भी मिलेगा। इन कहानियों से बच्चों को सही और गलत का फर्क भी समझ आएगा। साथ ही उन्हें समझ आएगा कि जीवन में दान और पुण्य का क्या महत्व है। जी हां, विक्रमादित्य सिंहासन बत्तीसी की कहानियां बच्चों को ऐसी बातें सिखाएंगी, जिन्हें यूं ही सिखा पाना आसान नहीं है।विक्रमादित्य का सिंहासन न्याय और धर्म का प्रतीक भी है। चलिए, फिर विक्रमादित्य सिंहासन पर लगी पुतलियों द्वारा सुनाई गई कहानियां पढ़ते हैं।

सिंहासन बत्तीसी : क्यों, कहाँ, कैसे
सिंहासन बत्तीसी की पहली कहानी - रत्नमंजरी पुतली
सिंहासन बत्तीसी : दूसरी पुतली चित्रलेखा
सिंहासन बत्तीसी : तीसरी पुतली चन्द्रकला
सिंहासन बत्तीसी : चौथी पुतली कामकंदला
सिंहासन बत्तीसी : पाँचवीं पुतली लीलावती
सिंहासन बत्तीसी : छठी पुतली रविभामा
सिंहासन बत्तीसी : सातवीं पुतली कौमुदी
सिंहासन बत्तीसी : आठवीं पुतली पुष्पवती
सिंहासन बत्तीसी : नवीं पुतली मधुमालती
सिंहासन बत्तीसी : दसवीं पुतली प्रभावती
सिंहासन बत्तीसी : दसवीं पुतली प्रभावती
सिंहासन बत्तीसी : दसवीं पुतली प्रभावती
सिंहासन बत्तीसी : ग्यारहवीं पुतली त्रिलोचनी
सिंहासन बत्तीसी : बारहवीं पुतली पद्मावती
सिंहासन बत्तीसी : तेरहवीं पुतली कीर्तिमती
सिंहासन बत्तीसी : चौदहवीं पुतली सुनयना
सिंहासन बत्तीसी : पंद्रहवीं पुतली सुन्दरबती
सिंहासन बत्तीसी : सत्रहवीं पुतली विद्यावती
सिंहासन बत्तीसी : सत्रहवीं पुतली विद्यावती